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एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय एक परिचय जिला— बस्तर (छ0ग0)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275(1) के आधीन केन्द्र शासन द्वारा अनुदान प्राप्त आदिम जाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय करपावण्ड जिला बस्तर की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इस संस्था में कक्षा 6वीं की राज्य स्तरीय प्रवेष परीक्षा के माध्यम से छ0ग0 राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का प्रवेष लिया जाता हैं। संस्था में कक्षा 6वीं से लेकर कक्षा 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होती है संस्था में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को शासन द्वारा निःषुल्क आवासीय सुविधाएं भोजन, गणवेष, पाठ्यपुस्तक, काॅपी, सायंकालीन ड्रेस आदि सुविधाएं शासन द्वारा निःषुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
इसके अतिरिक्त छात्रों से व्यक्तित्व विकास हेतु अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना, खेलकूद स्काउट गाइड इको क्लब के माध्यम से नेतृत्व क्षमता एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी गुणों के विकास हेतु विभिन्न गतिविधियां कराई जाती हैं।
संस्था में छात्रों की प्रातः 5.00 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक व्यवस्थागत दिनचर्या बनाई गई हैं। इस दिनचर्या के माध्यम से छात्रों को अनुषासित रहना सिखाया जाता हैं। संस्था के छात्रों द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न खेलकूद गतिविधियों में राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व किया जाता हैं, साथ ही साथ छात्रों को प्रतिवर्ष शैक्षणिक भ्रमण पर अलग-अलग राज्यों एवं छत्तीसगढ़ का भ्रमण कराया जाता हैं जिसमें गत् वर्षों में अन्य राज्यों कलकत्ता, भुवनेष्वर, गुजरात, एवं रायपुर के विभिन्न पर्यटन स्थलों में भ्रमण कर छात्रों को अलग-अलग राज्यो की संस्कृति रहन सहन, रीति रिवाज, खान पान, आत्मविष्वास एवं शैक्षणिक स्तर संबंधी जानकारी प्राप्त होती रही हैं और भविष्य में उन्हें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलती हैं।

छात्रावास भवन

स्थापना वर्ष से ही यह विद्यालय अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के बौद्विक, सांस्कृतिक विकास में लगातार अच्छे परिणाम दे रहा हैं। प्रतिवर्ष अलग-अलग खेल विधाओं में छात्रों का राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व रहा हैं। संस्था में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना, स्काउट गाइड, ईको क्लब के माध्यम से छात्र नजदिकी ग्रामों में प्रतिवर्ष विभिन्न प्रकार की जागरूकता अभियान चला रहे हैं। जिले में कुल 06 विकासखण्डो मे संचालित विशिष्ट संस्था एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालयों में प्रत्येक विद्यालयों हेतु 420 सीट (कक्षा 6वीं से 12वीं तक) स्वीकृत है।
एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय निश्चित ही जनजातिय बालक/बालिका की शिक्षा एवं सम्पूर्ण विकास हेतु उद्देश्यपूर्ण करने वाला मील का पत्थर है। जो जनजातिय क्षेत्रों के विकास कीे दिशा में कार्य का कदम साबित हो रहा है। जिसके आशा जनक परिणाम सामने आ रहें है।
संस्था से शिक्षा प्राप्त कर छात्र/छात्राएं उच्च तकनीकी शिक्षा, इंजनियरिंग, मेडिकल एवं अन्य क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहें है और अपनी सेवाएं इन क्षेत्र को देने की दिशा में तत्पर हैं, जो एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय के ध्येय वाक्य ’एकाग्रता, समग्रता एवं सफलता को सार्थक सिद्व कर रहा है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275(1) के आधीन केन्द्र शासन द्वारा अनुदान प्राप्त आदिम जाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय अपने आपमें एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, जो अनुसूचित जनजातिय वर्ग के छात्र/छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्व है।


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